...जिंदगी अब भी सफर मे है!!!

1 Part

260 times read

17 Liked

तू लाख मुझ से दूर सही पर मेरी नज़र में है बेशक मेरी ज़िंदगी की कश्ती आज भँवर में है बहारें कब की बीत गईं चरागें भी हैं बुझी हुई अंधेरा ...

×